नमस्कार दोस्तों, Social Shayari पर आपका स्वागत है। आज मैं आपको बताऊंगी bachpan ki shayari, bachpan ki dosti shayari, bachpan ki yaade shayari।
हमारे बचपन के पल भी कितनी हसीन होते हैं। सभी का बचपन बहुत मासूमियत और मस्ती भरा होता है। हम पहली बार चलना सीखते हैं, खाना सीखते हैं, बोलना सीखते हैं। हमारे साथ हमारे मम्मी- पापा भी बड़े होते हैं।
बचपन मे हमें सभी प्यार करते हैं और हम दुनिया को अलग ही नज़र से देखते हैं। सब कुछ बड़ा- बड़ा दिखता है और किसी चीज़ की tension नहीं होती। अपनी पुरानी तस्वीर देखकर आज भी बचपन की यादों में खो जाते हैं। उस समय हम पर कोई stress या responsibility नहीं होती और हम अपनी मर्ज़ी से सो सकते हैं, खा सकते हैं।
सही में, सच ही कहते हैं कि बच्चे भगवान का रूप होते हैं। उनमें कोई जलन, लालच, झूट नहीं भरा होता। वह सब कुछ अपनी मासूमियत में करते हैं। तो चलिए आज हम अपनी बचपन की यादों को ताज़ा करते हैं। इन शायरियों को अंत तक ज़रूर पढ़ें।
अगर आपको लेख पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ ज़रूर share करें। अब जानते हैं bachpan ki shayari shayari in hindi।
Also Read: girls attitude shayari
Table of Contents
Cute Bachpan ki shayari
1. कभी कभी दिल करता है फिर से बच्चा हो जाऊ ,
दीमाग से फिर थोड़ा कच्चा हो जाऊ ,
ए ज़िंदगी देदे मेरा वो पुराना बचपन मुझको सबकी निघाओ मै सबसे अच्छा हो जाऊ
कभी कभी करता है फिरसे बच्चा हो जाऊ .
kabhi kabhi dil karta hai fir se bachha ho jaau,
dimaag se fir thoda kachha ho jaau,
ae jindagi dede mera vo purana bachpan mujhko sabki nighaao mai sabse achha ho jaau
kabhi kabhi karta hai fir se bachha ho jaau
2. कितना भी परेशान करूँ
वो गिला नहीं करते
वो बचपन वाले दोस्त
अब मिला नहीं करते
kitna bhi preshaan karu
Vo gila nahi karte
vo bachpan wale dost
ab mila nahi karte
बच्चों की नींद स्टेटस
3. कितने ख़ूबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन
उँगलीया जुड़ते ही दोस्ती होजाया करती थी
kitne khoobsurat hua karte the bachpan ke vo din
ungliyaan judte hi dosti hoajaya karti thi
4. बचपन नादान था
पर बड़ा ही शानदार था .
bachpan naadaan tha
par bada hi shandaar tha
5. किलो के भाव बिक गयी वो कापियाँ ,
जिन पर कभी very good dekh कर फूले नहीं समाते थे
kilo ke bhaav bik gayo vo kaapiyaan,
jin par kabhi very good dekh kar foole nahi samate the
Also Read:Alone status in hindi
6. बेफ़िक्र हँसी और ख़ुशियों का ख़ज़ाना था ,
कितना खूबसूरत वो बचपन का ज़माना था
baefikar hasi aur khushiyon ka khazana tha,
kitna khoobsurat vo bachpan ka zamanaa tha
7. झूठ बोलते थे ,
फिर भी कितने सच्चे थे ,
हम उन दिनो की बात है जब बच्चे थे हम
jhkot bolte the
fir bhi kitne sachhe the
hum un dino ki baat hai jab bachhe the hum
Bachpan ki shayari in hindi
8. वो बचपन के दोस्त कितने सच्चे थे
लौटा दो हमारा गुजरा हुआ वक़्त हम बचपन में ही अच्छे थे
vo bachpan ke dost kitne sachhe the
lauta do humara guzra hua waqt hum bachpan me hi achhe the
9. बचपन ही था जब हम छोटी छोटी बातों पर रोया करते थे
आज गम के समन्दर हो फिर भी हम रो नहीं सकते
bachpan hi tha jab hum chhoti baaton par roya karte the
aaj gum ke samandar ho fir bhi hum ro nahi sakte
Also Read: alone feeling status for whatsapp
10. ये दौलत भी लेलो
ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझ से मेरी जवानी
मगर मुझे मेरा बचपन लौटा दो
ye daukat lelo
ye shaurat bhi le lo
bhale chheen lo mujh se meri javani
magar mujhe mera bachpan lauta do
11. मैं ने बचपन मै अधूरा ख़्वाब देखा था कोई ,
आज तक मसरूफ़ हूँ उस ख़्वाब की तकमील में
mai ne bachpan me adhoora khwaab dekha tha koi,
aaj tak masroof hoon us khwaab ki takmeel me
बचपन के मित्र 2 लाइन
12. बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहे छत पर सोयें
या जमीं पर आँख बिस्तर पर ही खुलती थी
bachpan bhi kamaal ka tha khelte khelte chahe chhat par soye
ya zameen par aankh bistar par hi khulti thi
13. रोने की वजह भी ना थी ना हसने का बहाना था
क्यू हो गये हम इतने बड़े इससे अच्छा तो वो बचपन का ज़माना था
rone ki vajah bhi na thi na hasne ka bahaana tha
kyu ho gaye hum itane bade isase achchha to wo bachapan ka zamaana tha
14. बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे ,
जहां चाहा रो लेते थे और अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए
और आसुओं को तन्हाई
bachpan mein jahan chaaha hans lete the ,
jahan chaaha ro lete the or ab muskaan ko tameez chahiye
or asuon ko tanhai
Bachpan ki pyari yaade shayadi
15. ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर बस अपनी ही धुन ,
बस अपने सपनो का घर काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर
na kuchh paane ki asha na kuchh khone ka dar bas apani hi dhun ,
bas apne sapno ka ghar kash mil jaye fir mujhe wo bachapan ka pahar
16. एक इच्छा है भगवान मुझे सच्चा बना दो ,
लौटा दो मेरा बचपन मुझे बच्चा बना दो
ek ichcha hai bhagwan mujhe saccha bana do ,
lauta do mera bachapan mujhe bachcha bana do
17. दौड़ने दो खुले मैदानो में इन नन्हे कदमों को
जनाब ज़िंदगी बहुत तेज भागती है
daudne do khule maidano mein in nanhe kadamon ko
janaab zindagi bahut tej bhagati hai
बचपन की दर्द भरी शायरी
18. बचपन गुजर जाने के बाद बचपन की वो यादें
अब भी आती हैं रोते में अब भी वो हँसा जाती है
bachpan gujar jaane ke baad bachpan ki wo yaaden
ab bhi ati hain rote men ab bhi wo hansa jaati hai
19. आशियाने जलाए जाते हैं जब तन्हाई की आग से,
तो बचपन के घरोंदो की वो मिट्टी याद आती है
ashiyane jalaye jaate hain jab tanhaai ki aag se,
to bachapan ke gharondo ki woh mitti yaad aati hai
Also Read: desh bhakti shayari in marathi
20. याद होती जाती है जवाँ बारिश के मौसम में तो,
बचपन की वो काग़ज़ की नाव याद आती है
yaad hoti jaati hai jawan barish ke mausam men to,
bachpan ki wo kagas ki nou yaad aati hai
21. चार दोस्त ,
दो साईकिल,
ख़ाली जेब,
और पूरा शहर
har dost ,
do cycle,
khali jeb,
or poora shahar
Boys bachpan ki dosti shayari
22. जनाब हमारा भी एक खूबसूरत दौर ये भी था ज़िंदगी का ,
उस दौर में हम सोचा करते थे की कुछ बेहतर हासिल करेंगे ,
हमें क्या पता था की उससे बेहतर कुछ था ही नहीं
janaab hamara bhi ek khoobsurat daur ye bhi tha zindagi ka ,
us dour mein hum socha karte the ki kuchh behtar hasil karenge ,
hamen kya pata tha ki usase behtar kuchh tha hi nahi
23. इतनी चाहत तो लाखों रुपए पाने की भी नहीं होती है,
जितनी बचपन की तस्वीर देखकर बचपन में जाने की होती है
itni chaahat to laakhon rupay paane ki bhi nahi hoti hai,
jitni bachpan ki taswir dekhkar bachapan men jaane ki hoti hai
24. ईमान बेचकर बेईमानी ख़रीद ली बचपन बेचकर जवानी ख़रीदली ना वक़्त ,
ना ख़ुशी , ना सुकून सोचता हूँ ये कैसी जिंदगानी ख़रीद ली
eman bechkar beimaani kharid lee bachpan bechkar jawani kharidali na vakt ,
na khushi , na sukun sochata hun ye kaisi jindagaani kharid lee
Also Read: army jawaan shayari
25. उड़ने दो परिंदो को अभी शोख़ हवा में
फिर लौट के बचपन के जमाने नहीं आते
udne do parindo ko abhi shokh hawa mein
fir laut ke bachapan ke jamane nahin ate
26. मेरे रोने का जिस में क़िस्सा है
उम्र का बेहतरीन हिस्सा है
mere rone ka jis men kissa hai
umr ka behatareen hissa hai
27. मेरा बचपन भी साथ ले आया गाँव से
जब भी आ गया कोई
mera bachapan bhi saath le aaya gaon se
jab bhi aa gaya koi
28. कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से,
कहीं भी जाऊँ मेरे साथ साथ चलते है
kai sitaaron ko main jaanata hun bachpan se,
kahin bhi jaaun mere saath sathchalte hai
Girls bachpan shayari in hindi
29. मुमकिन है हमें गाँव भी पहचान न पाए,
बचपन में ही हम घर से कमाने निकल आए
mumkin hai hamen gaon bhi pehchan na paaye,
bachpan mein hi hum ghar se kamane nikal aye
30. कुछ नहीं चाहिए तुझ से ए मेरी उम्र-ए-रवाँ मेरा बचपन ,
मेरे जुगनू , मेरी गुड़िया ला दे
kuchh nahi chahiye tujh se a meri umr-a-ravan mera bachapan ,
mere jugnu , meri gudiya la de
31. सुकून की बात मत कर ए ग़ालिब ,
बचपन वाला इतवार अब नहीं आता
sukun ki baat mat kar a ghalib ,
bachpan vala itavar ab nahin aata
Also Read: 26 january status hindi
32. मुझे और कुछ नहीं चाहिए बस बचपन का सावन ,
वो काग़ज़ की कश्ती , वो बारिश का पानी
mujhe aur kuchh nahi chahiye bas bachapan ka savan ,
wo kaghas ki kashti , woh baarish ka paani
33. फ़िक्र से आज़ाद थे और, ख़ुशियाँ इकठी होती थी
वो भी क्या दिन थे जब गर्मियों की छुट्टियाँ हुआ करती थी
fikr se azad the or, khushiyaan ikathi hoti thi
vo bhi kya din the jab garmiyon kichhuttiyan hua karati thi
34. बचपना अब भी वही है हम में
बस ज़रूरतें बड़ी हो गयीं हैं
bachpana ab bhi wahi hai hum mein
bas zaruraten badi ho gay hain
35. ज़िंदगी छोड़ आया हूँ कहीं उन गलियों मे
जहाँ कभी दौड़ जाना ही ज़िंदगी हुआ करती थी
zindagi chhod aya hun kahin un galiyon me
jahan kabhi daud jana hi zindagi hua karti thi
Masoom bachpan pe shayari
36. बचपन का टूटा हुआ खिलौना मिला
उसने मुझे आज भी रुलाया और कल भी
bachapan ka tuta hua khilauna mila
usne mujhe aj bhi rulaya aur kal bhi
37. बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे,
तब दिल नहीं सिर्फ़ खिलौने टूटा करते थे,
अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता
और बचपन में जी भरकर रोया करते थे
bachapan ke din bhi kitane achchhe hote the,
tab dil nahin sirf khilaune tuta karte the,
ab to ek ansu bhi bardasht nahi hota
aur bachpan mein jee bharkar roya karte the …
38. काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था ब खेलने की मस्ती थी ये दिल आवारा था ,
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में ,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था
kaghas ki kashti thi paani ka kinara tha b khelne ki masti thi ye dil awara tha ,
kahan aa gaye is samjhdari k daldal mein ,
wo nadan bachpan bhi kitana pyaara tha
बचपन की एटीट्यूड शायरी
39. वो क्या दिन थे… माँ की गोद और पापा के कंधे ,
न पैसे की सोच और न लाइफ़ के फ़ंडे ,
न कल की चिंता न फ़्यूचर के सपने, अब कलकी फ़िकर और अधूरे सपने ,
मुड़ कर देखा तो बहुत दूर हैं अपने, मंज़िलों को ढूँढते हम कहाँ खो गए ,
न जाने क्यूँ … हम इतने बड़े होग
wo kya din the… maan ki god or papa k kandhe ,
na paise key soch or na life k fande ,
na kal ki chinta na future ke sapne,
ab kal ki fikr or adhure sapne ,
mud kar dekha toh bahut door hain apane,
manzilo ko dhundhate hum kahaan kho gaye ,
na jaane kyun hum itane bade hoga
Also Read: army shayari in gujarati
40. किसने कहा नहीं आती अब वह बचपन वाली बारिश
तुम भूल गए हो शायद अब वह नाव बनाने काग़ज़ की
kisne kaha nahin ati ab vah bachpan wali barish
tum bhool gaye ho shayad ab vah nou banane kaghas ke
41. अरे वो बचपन वाली अमीरी ना जाने कहाँ खो गयीं
जब जहाज़ हवा में हमारे भी उड़ा करते थे
are wo bachapan wali amiri na jaane kahaan kho gayi
jab jahaz hawa mein hamare bhi uda karate the
बचपन स्कूल शायरी
42. ज़िंदगी की दौड़ में तजुर्बा कच्चा ही रह गया,
हम सीख न पाए फ़रेब और दिल बच्चा ही रह गया
zindagi ki daud mein tajurba kachcha hi rah gaya,
hum sikh na paaye fareb aur dil bachcha hi rah gaya
43. हम भी मुस्कुराते थे कभी बेपरवाह अन्दाज़ से देखा है
आज खुद को कुछ पुरानी तस्वीरों में
hum bhi muskuraate the kabhi beparavah andaaz se dekha hai
aaj khud ko kuchh purani tasviron mein
44. काश मैं लौट जाऊँ बचपन की उन हसीं वादियों में ए ज़िंदगी
जब न तो कोई ज़रूरत थी और न ही कोई ज़रूरी था
kaash main laut jaaun bachpan ki un hasin vadiyon mein ae zindagi
jab na toh koi zarurat thi aur na hi koi zaruri tha
बचपन की यादें स्टेटस
45. बचपन में मेरे दोस्तो के पास घड़ी नहीं थी पर समय सबके पास था ,
आज सबके पास घड़ी है पर समय किसी के पास नही
bachapan men mere dosto ke paas ghadi nahi thi per samay sabke paas tha ,
aj sabke pass ghadi hai par samay kisi ke paas nahin
46. जब घर में रहते थे तब आज़ादी दिल को भाती थी ,
आज आज़ादी है तो बस घर जाने को दिल करता है
jab ghar mein rehte the tab azadi dil ko bhati thi ,
aaj azadi hai to bas ghar jaane ko dil karta hai
Also Read: boys attitude gadar shayri
47. बचपन में तो शाम भी हुआ करती थी ,
अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है
bachapan men to shaam bhi hua karati thi ,
ab to bas subah ke baad raat ho jaati hai
48. अब तक हमारी उम्र का बचपन नहीं गया
घर से चले थे जेब के पैसे गिरा दिए
ab tak hamari umr ka bachpan nahi gaya
ghar se chale the jeb k paise gira diye
गाँव की बचपन की यादें शायरी
49. अपने बच्चो को मैं बातों में लगा लेता हूँ
जब भी आवाज़ लगाता है खिलौने वाला
apne bachho ko main baaton mein laga leta hun
jab bhi awaaz lagata hai khilaune vala
50. बच्चो के छोटे हाथों को चाँद सीतारे छूने दो ,
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जएंगे
bachcho ke chhote haathon ko chand sitare chhune do ,
char kitaben padh kar ye bhi ham jaise ho jayenge
Conclusion
मुझे उम्मीद है कि आपने bachpan ki shayari in hindi को पढ़कर बहुत आनन्द लिया होगा।
अक्सर कई जाने-माने लोगों से सुनने में आता है कि वे अपने बचपन के दिनों में वापस जाना चाहते हैं। दरअसल, हम सब ऐसा करना चाहते हैं। बचपन जीवन की वह अवस्था है जिसका हम आनंद ले सकते हैं। जीवन का वह हिस्सा जिसे हम जितना चाहें वापस नहीं पा सकते। हमारा भविष्य हमारे बचपन के आधार पर बनता है। हमारा भविष्य हमारे माता-पिता के प्यार और देखभाल से आकार लेता है।
यह वास्तविक समय है जब हम अपने बच्चों को सिखा सकते हैं कि क्या सही है और क्या गलत। बचपन वह समय होता है जब हमारे जीवन की नींव सही मूल्यों और सिद्धांतों के स्तंभों पर बनी होती है। बचपन मेरे जीवन का सबसे important समय था। हर किसी के पास बचपन की यादें होती हैं, उन यादों को याद करने से सुकून मिलता है और आनंद की अनुभूति होती है।
वे एक व्यक्ति के लिए सबसे मूल्यवान में से एक हैं। हमारे बचपन में, एक बच्चे को आधुनिक दुनिया के बारे में कोई चिंता नहीं होती है और जब एक वयस्क अपने जीवन के उस लापरवाह चरण की यादों को याद करता है, तो उन्हें अपने जीवन को भूलने का मौका मिलता है। वर्तमान दबाव और तनाव जिसका वे वर्तमान जीवन में सामना कर रहे हैं, एक पल के लिए भी। लोग अपने बचपन की यादों से बहुत जुड़ जाते हैं, खासकर अपने जीवन के बाद के चरण में।
और अपने बचपन को फिर से अनुभव करने के लिए समय में वापस जाना चाहते हैं, लेकिन दुख की बात नहीं है। बचपन का महत्व बचपन की यादें जो हम इकट्ठा करते हैं, जीवन भर हमारे साथ रहती हैं। जब हम नीचे होते हैं तो वे हमारे जीवन में कभी भी खुशियाँ ला सकते हैं। बचपन के वास्तविक मूल्य को केवल बड़े ही समझ सकते हैं क्योंकि बच्चे उस महत्व को महसूस करने में सक्षम नहीं हैं जो यह अवधि अपने साथ लाती है।
अनिश्चितता की इस दुनिया में बच्चे सभी चिंताओं, व्यस्त जीवन के खतरों और तनावों से मुक्त होते हैं। जब हम अपने बचपन की यादों को याद करते हैं तो हम बड़ों को खुशी होती है। लेकिन जाहिर सी बात है कि बचपन के दिनों की हर याद अच्छी नहीं हो सकती। कुछ अवांछित यादें हो सकती हैं जो किसी व्यक्ति को उसके पूरे जीवन में परेशान कर सकती हैं। जब हम बड़े होते हैं तो अपने बचपन के हर एक दिन को याद करते हैं।
हमारा जीवन पूरी तरह समय पर निर्भर है। जो समय बीत चुका है उसे वापस नहीं लाया जा सकता है और इसलिए हमारा बचपन वापस नहीं आ सकता है। बचपन की मासूमियत और लापरवाह दिन कवियों और लेखक भी उन दिनों को संजोते हैं और उनकी प्रशंसा करते हैं। बच्चे यह महसूस करने में असफल हो सकते हैं कि वे वयस्क होने तक ही किन सुनहरे क्षणों से गुजर रहे हैं।
एक वयस्क के लिए उसके जीवन के सबसे अच्छे दिन बचपन में ही बीत गए थे और अपने तनावपूर्ण दिनों के दौरान वह खोए हुए समय के लिए तरसता है। यह तब होता है जब महत्व का सबसे अच्छा एहसास होता है। इस समय में बच्चे के नैतिक और सामाजिक चरित्र का विकास होता है। इस समय में, माता-पिता आसानी से बच्चों की मानसिकता को बदल सकते हैं और उन्हें सही और गलत के बीच अंतर कर सकते हैं।
बच्चों का दिमाग साफ स्लेट की तरह होता है जिस पर कोई भी कहानी, सुखद या कठोर, आसानी से लिखी जा सकती है। बचपन वह समय होता है जब बच्चे का आहार उसके स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा को विकसित करने के लिए उपयुक्त होना चाहिए। खाने, पढ़ने, सोने, व्यायाम करने और साफ-सुथरा रहने की उचित आदत इस समय में सिखाई जानी चाहिए। किसी बच्चे के लिए ड्राइंग, गायन आदि जैसी किसी भी रचनात्मक गतिविधि में शामिल होने का यह सबसे अच्छा समय है या जब वह बड़ा हो जाता है और तनाव दूर करने वाला काम करता है तो उसके लिए खेल उसके साथ होगा।
हम वयस्कों के पास भी बच्चों से सीखने के लिए एक या दो चीजें हैं। वे बिना किसी भेदभाव के हर व्यक्ति की परवाह करते हैं। वे अपने आसपास के लोगों के लिए प्रकृति में भी बहुत मददगार होते हैं। हम बच्चों से इंसानियत का पाठ सीख सकते हैं। बच्चों को देश के भविष्य के रूप में माना जाना चाहिए और वे एक विकासशील राष्ट्र का सबसे बड़ा हिस्सा हैं। अत: उनका पालन पोषण उसी के अनुसार करना चाहिए।
एक सुखी बचपन एक सफल वयस्कता का निर्माण करता है। बच्चे बिना किसी उचित मंजिल के वाहन की तरह होते हैं। आप उन्हें अपनी इच्छानुसार किसी भी दिशा में चला सकते हैं। बच्चे ईश्वर के प्रतिनिधि हैं। वे इस दुनिया के सबसे मासूम इंसान हैं। यह हम ही हैं जो उन्हें एक सुंदर भविष्य दे सकते हैं। अगर उन्होंने कुछ गलतियाँ की हैं तो हमें उनके साथ दुर्व्यवहार करने के बजाय उन्हें सुधारना चाहिए। आज का बच्चा कल का जिम्मेदार नागरिक है।
Annotation in Gujarati:
સુખી બાળપણ સફળ પુખ્તાવસ્થા બનાવે છે. બાળકો કોઈ યોગ્ય ગંતવ્ય વિનાના વાહનો જેવા હોય છે. તમે તેમને ઇચ્છો તે દિશામાં લઈ જઈ શકો છો. બાળકો ભગવાનના પ્રતિનિધિ છે. તે આ દુનિયાની સૌથી નિર્દોષ વ્યક્તિ છે. આપણે જ તેમને સુંદર ભવિષ્ય આપી શકીએ છીએ. જો તેઓએ કેટલીક ભૂલો કરી હોય તો આપણે તેમની સાથે ગેરવર્તણૂક કરવાને બદલે તેને સુધારવી જોઈએ. આજનો બાળક આવતીકાલનો જવાબદાર નાગરિક છે.
Annotation in Marathi:
आनंदी बालपण यशस्वी प्रौढत्व निर्माण करते. मुलं ही कोणत्याही योग्य गंतव्यस्थानाशिवाय वाहनांसारखी असतात. तुम्हाला पाहिजे त्या दिशेने तुम्ही त्यांना चालवू शकता. मुले ही देवाचे प्रतिनिधी आहेत. तो या जगातील सर्वात निष्पाप व्यक्ती आहे. आपणच त्यांना सुंदर भविष्य देऊ शकतो. त्यांच्याकडून काही चुका झाल्या असतील तर त्यांच्याशी गैरवर्तन करण्याऐवजी त्या सुधारायला हव्यात. आजचे मूल उद्याचे जबाबदार नागरिक आहे.
आज हमने सीखा-
- bachpan ki shayari in hindi
- Bachpan pe shayari
- Bachpan par shayari
- Bachpan sad shayari
- Bachpan shayari in hindi
- Bachpan ki dosti shayari in hindi
- Bachpan ki yaadein shayari
ऊपर लिखी शायरी के बारे में आपके क्या विचार हैं, उन्हें नीचे comment box में जरुर प्रकट करें। अगर आपका कोई सवाल है तो आप comment कर सकते हैं या email कर सकते हैं। इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक share करें ताकि अन्य लोग इस शायरी का आनंद ले सकें।
मैं आपको जल्द से जल्द reply देने की कोशिश करूंगी।
धन्यवाद……..।
Bachpan shayari in hindi और bachpan ki dosti shayari in hindi पढ़ने के लिए शुक्रिया।
FAQ (Frequently Asked Questions)
बचपन के मित्र शायरी
1. बचपन कितना ख़ूबसूरत था तब खिलौना ज़िंदगी थे आज ज़िंदगी खिलौना है
2. बचपन के वो दिन भी क्या खूब थे , ना दोस्ती का मतलब पता था , और ना मतलब की दोस्ती थी
3. क्यू छुट्टी वाले दिन भी करार नहीं आता , क्यू वो बचपन वाला रविवार नहीं आता
4. होंठों पर मुस्कान थी , कंधो पर बसता था सुकून के मामले में वो ज़माना सस्ता था
बचपन का एटीट्यूड स्टेटस
1. आसमान में उड़ती एक पतंग दिखाई दी , आज फिर मुझ को मेरा बचपन दिखाई दिया
2. एक बचपन का ज़माना था होता जब ख़ुशियों का ज़माना था चाहत तो चाँद को पाने की थी पर दिल तो तितली का दीवाना था
3. खबर ना होती कुछ सूबह की , ना कोई शाम का ठिकाना था , थक हार के आना स्कूल से पर खेलने को तो ज़रूर था जाना
4. खेला करते थे कूदा करते थे , मौज मस्ती में जीया करते थे , वो मासूम बचपन ही था जहां सभी से दोस्ती कर लीया करते थे
बचपन का दर्द गुलज़ार
1. बचपन में ही ज़िम्मेदारियों को मेने बड़ते हुए देखा है , मेने अपने अंदर एक बच्चे को मरते हुए देखा है
2. आज भी याद आता है बचपन का वो खिलखिलाना दोस्तों से लड़ना , रूठना , मानना
3. माँ , पिता , शरारते , आँसू का जिसमें क़िस्सा है , बचपन ही मेरी ज़िंदगी का बेहतरीन हिस्सा है
I am a 3rd year student, doing graduation in BA Eco Hons from Patiala. I hope you like my content, don’t forget to share it with your friends.
7 thoughts on “100 latest Bachpan की प्यारी shayari ”