बेरोजगारी essay in hindi

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Berojgari essay in hindi

बेरोजगारी समाज का दुश्मन है जिससे व्यक्तियों परिवारों और समुदाय के साथ-साथ पूरी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आज मैं आपको बेरोजगारी पर निबंध दूंगा आप पढ़कर बेरोजगारी के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। 

बेरोजगारी पर निबंध 150 शब्दों में

बेरोजगारी एक प्रमुख मुद्दा है जो व्यक्तियों और अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। यह एक ऐसी परिस्थिति है जिसमें एक व्यक्ति काम करने को इच्छुक है पर उसके बावजूद उसे कोई रोजगार नहीं मिलता। बेरोजगारी के कई कारण हो सकते हैं जैसे टेक्नोलॉजी, डिमांड में कमी, अर्थव्यवस्था में बदलाव, आदि।

बेरोजगारी से एक परिवार को आर्थिक घटनाओं का सामना तो करना ही पड़ता है साथ में भावनात्मक क्षति से भी गुजरना पड़ता है जो इंसान के आत्म सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य  पर दुष्ट प्रभाव डालता है। यह गरीबी और अपराध का भी कारण बनता है।

बेरोजगारी का मुकाबला करने के लिए सरकारें रोजगार कार्यक्रम और योजनाओं जैसी नीतियों को लागू कर सकती हैं। वे शिक्षा और कौशल विकास में भी निवेश कर सकते हैं कि व्यक्तियों के पास श्रम बाजार की मांगों को पूरा करने के लिए आवश्यक कौशल हैं।

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बेरोजगारी पर निबंध 250 शब्दों में

berojgari essay in hindi

बेरोजगारी एक व्यापक समस्या है जो व्यक्तियों और अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से प्रभावित करती है। इसमें एक व्यक्ति रोजगार के लिए इच्छुक और कौशल होता है तो भी रोजगार नहीं ढूंढ पाता। 

बेरोजगारी के काफी कारण हो सकते हैं जैसे टेक्नोलॉजी, अर्थव्यवस्था में बदलाव, मौसम बदलाव, आबादी का बढ़ना, कम आमदनी, आदि। देश की बड़ी-बड़ी परीक्षाओं में हर साल लाखों लोग बैठते हैं पर सिर्फ कुछ हजार लोगों को ही नौकरी मिलती है। इसकी वजह से मुकाबला बहुत बढ़ गया है और एक सामान्य सी नौकरी पाने के लिए भी लोगों को अधिक श्रम करना पड़ता है।

जब व्यक्ति बेरोजगार होते हैं, तो वे वस्तुओं और सेवाओं को खरीद नहीं पाते, न ही दूसरों को अपनी सेवाएं प्रदान कर सकते हैं क्योंकि वे अपने कौशल का इस्तेमाल नहीं कर सकते। ऐसे में गरीबी फैलती है और अपराध भी जन्म लेता है। इससे सरकार पर भी दबाव पड़ता है क्योंकि इन लोगों के लिए सब्सिडी और फ्री में खाना देना पड़ता है जिसका सारा पैसा सरकार की तरफ से जाता है। 

इससे आर्थिक विकास में भी कमी आती है। बेरोजगारी के कारण लोग कम खर्च करते हैं, जिससे वस्तुओं और सेवाओं की मांग में कमी आ सकती है। इससे नौकरियां और भी कम हो जाती हैं। यह एक देश की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की दिक्कत है खासकर विकासशील देशों में देखने को मिलती है। 

इससे लड़ने के लिए सरकार निरन्तर प्रयोग करती रहती है और नई योजनाओं को लाती है। लोगों को शिक्षा और ट्रेनिंग देकर इस संकट को कुछ हद तक ठीक किया जा सकता है।

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बेरोजगारी पर निबंध 300 शब्दों में

बेरोजगारी एक ऐसी परिस्थिति है जब कोई व्यक्ति काम करना चाहे पर उसको रोजगार ना मिल पाए। यह कई कारणों की वजह से हो सकता है जैसे नौकरियां उपलब्ध ना हो, लोग नौकरी करने के लिए कौशल ना हो, आबादी ज़्यादा हो, अशिक्षित हो, आदि। बेरोजगारी व्यक्ति और समाज दोनों को प्रभावित करता है। 

जब कोई इंसान बेरोजगार होता है तो अपनी सामान्य ज़रूरतें जैसे रोटी, कपड़े, मकान, को पूरा नहीं कर पाता। जब बहुत से से लोग बेरोजगार हो तो वे अपनी वस्तुओं और सेवाओं के लिए पैसे खर्च नहीं कर पाते जिससे व्यवसायों के लिए कम ग्राहक होते हैं और उनको अपने कर्मचारी निकालने पड़ते हैं। इससे धीरे-धीरे एक चक्र बन जाता है जिंसमें लोग बेरोज़गार होते जाते हैं।

बेरोजगारी से परिवारों आर्थिक रूप से तो सामना करना ही पड़ता है साथ में भावनात्मक क्षति से भी गुजरना पड़ता है जो इंसान के आत्म सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य पर दुष्ट प्रभाव डालता है। लोग यह गरीबी और अपराध का भी कारण बनता है।

इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार को ट्रेनिंग और शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। गो शुरू से ही ऐसे skills सिखाने चाहिए जो असल जिंदगी में उन्हें मदद करें। सरकार को ऐसे क्षेत्रों में काम करना चाहिए जिससे ज्यादा नौकरियां बन सके जैसे नए उद्योग बनाना, ऊर्जा क्षेत्र में काम करना, आदि। 

बेरोजगारी कम करने के लिए दूसरा तरीका है छोटे व्यवसायों को समर्थन देना जिसमें टेक्नॉलजी से ज्यादा लेबर का इस्तेमाल होता है। खेती और प्राइमरी सेक्टर में लोगों को सब्सिडी देना जिससे ज़्यादा रोजगार बनाये जा सकें।

बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है जिसके काफी दुष्ट परिणाम हैं। बेरोजगारी हटाने के लिए कई चीजें की मदद ली जा सकती है जैसे शिक्षा में निवेश करना, ट्रेनिंग कैंप लगाना, छोटे व्यवसायों को प्रेरित करना, आबादी को नियंत्रित करना, आदि। श्रम और नीति से बेरोज़गारी को दूर भगाया जा सकता है।

बेरोजगारी पर निबंध 500 शब्दों में

हमारा देश कई समस्याओं से लड़ रहा है पर उनमें से सबसे दुष्ट है बेरोजगारी। बहुत से डाक्टर, इंजीनियर, साइंटिस्ट बड़ी बड़ी पढ़ाई करके भी बेरोजगार हैं। बेरोजगारी की वजह से एक देश की मैन पावर खराब हो जाती है। 

पिछले दशक में सरकार ने ऐसी बहुत सी योजनाएं निकाली है जिसकी मदद से जवानों को बेरोजगार मिल सके, उसके बावजूद देश में बेरोजगारी तेजी से बढ़ती जा रही है। इसका एक मुख्य कारण है बढ़ती आबादी जिसकी वजह से एक सामान्य नौकरी के लिए भी लाखों लोग परीक्षा में बैठते हैं और सिर्फ कुछ हज़ार लोग ही सफल हो पाते हैं।

देश के ज्यादातर जमाना आज भी सरकारी नौकरी पर निर्भर रहते हैं जबकि हर साल सरकारी नौकरियों की वैकेंसी तेजी से घट रही है। बेरोजगारी के कई कारण हैं जैसे बढ़ती आबादी, महंगाई, कम आय, अर्थव्यवस्था खराब होना, इंफ्रास्ट्रक्चर के न होना, टेक्नोलॉजी, भ्र्ष्टाचार, आदि और ऐसे ही सैकड़ों कारण है जिससे बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। कुल मिलाकर कहें तो यह सब कम विकसित देश की निशानियां हैं।

बेरोजगारी की वजह से समाज और व्यक्तियों को कई चीजों का सामना करना पड़ता है जैसे गरीबी, अपराध, मानसिक दबाव, टेंशन, शारीरिक रोग, बढ़ती आत्महत्याएं, शराब, नशा, आदि। इससे अर्थव्यवस्था में भी दुष्ट प्रभाव पड़ता है जैसे कम आर्थिक विकास होता है, कम टैक्स मिलता है वहीं दूसरी ओर गरीब लोगों के लिए खाद्य सामग्री पर सब्सिडी की योजनाएं लागू करनी पड़ती हैं जिससे टैक्स का बड़ा हिस्सा लोगों को खिलाने में जाता है। 

ऐसे में लोगों का लिविंग स्टैण्डर्ड घट जाता है और वह गरीबी रेखा के नीचे आ जाते हैं। 

हालांकि इन सबका इलाज है जिंसमें सरकार योगदान दे सकती है। जैसे सबसे पहला कदम है आबादी को निरन्तरित करना, सरकसर लोगों को छोटे परिवार बनाने के लिए पढा सकती है। दूसरा शिक्षा को बेहतर किया जा सकता है। बच्चों को छोटी उम्र से ही उन skills को सिखाया जा सकता है जो असल जिंदगी में उनको रोजगार लाने में मदद करे। सर्कट को ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी खोलने चाहिए जिससे जवानों को स्कूल के बाद ही इंडस्ट्री ट्रेनिंग मिल सके जिस कोर्स में वे चाहते हैं। 

सरकार को छोटे व्यवसाय, कृषि उद्द्योग में निवेश करना चाहिए। यह ऐसे व्यवसाय है जिनमें टेक्नोलॉजी का कम इस्तेमाल होता है और लेबर का ज्यादा काम होता है। इसकी वजह से रोजगार का मौका मिलता है और गांव से लोग शहरों की तरफ रोजगार ढूंढने नहीं जाते।

इसी के साथ सरकार को फॉरेन इन्वेस्टमेंट जैसी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए और ऐसा पर्यावरण बनाना चाहिए जिससे बाहर की कंपनियां भारत में इन्वेस्ट करें। इससे बहुत सी नौकरियां उत्पन्न होंगी और साथ ही देश के काश में निवेश काम आएगा। इस पैसे से इंफ्रास्ट्रक्चर को बना सकते हैं जिससे और नौकरियां बनेंगी।

इसी के साथ हमें खुद भी जोर लगाना चाहिए, सारा काम सरकार के भरोसे ही नहीं छोड़ सकते। सरकारी नौकरी के बजाए लोगों को बिज़नेस और उड्डमशीलता जैसे क्षेत्र में जाना चाहिए जिससे नौकरियां ही नहीं उतपन्न होती बल्कि देश के विकास में भी योगदान होता है। एकत्रित समाधान निकालने से ही हम एक बेहतर भारत बना सकते हैं।

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Conclusion

मुझे उम्मीद है कि आपने  berojgari pe nibandh  को पढ़कर बहुत कुछ सीखा होगा।

आज हमने सीखा-

  1. berojgari essay in hindi
  2. bharat me berojgari essay in hindi
  3. shikshit berojgari essay in hindi

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मैं आपको जल्द से जल्द reply देने की कोशिश करूंगी। 

धन्यवाद.. ।

हमारा essay  पढ़ने के लिए शुक्रिया।


FAQ (Frequently asked Questions)

बेरोजगार से आप क्या समझते हैं?

बेरोजगार वह आदमी होता है जो काम करने के लिए इच्छुक और कौशल होता है फिर भी रोजगार नहीं ढूंढ पाता। इससे वह अपने सामान्य जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता और गरीबी में चला जाता है। बेरोज़गारी से मानव संसाधन खराब होती है और अर्थव्यवस्था पर भी दुष्ट प्रभाव पड़ता है।

बेरोजगारी की क्या समस्या है?

बेरोजगारी आज के समय में सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यह डेवलपिंग देशों का सबसे बड़ा दुश्मन है क्योंकि बेरोजगारी से एक परिवार में ही नहीं बल्कि देश में प्रभाव पड़ता है, सामाज को कई समस्याओं का संकट करना पड़ता है जैसे गरीबी, अपराध, सामाजिक अशांति, आदि।

बेरोजगारी के कारण कौन कौन से हैं? Berojgari ke karan

बेरोजगारी के बहुत कारण हो सकते हैं जैसे
Economic recession- अगर एक देश economic recession से गुजर रहा हो तो वह products की डिमांड नहीं बढ़ा पाता जिससे supply बढ़ जाती है और supply कम करने के लिए industries कम manufacture करती हैं जिसके लिए कम लोग चाहिए होते हैं और इसलिए लोगों को काम ने निकालना पड़ता है। 

Technology- एक ऐसा संकट है जिससे कोई नहीं बच सकता। आजकल सभी क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी और artificial intelligence का जोर बढ़ गया है और इनको इंसानों से बदला जा सकता है। 

Globalization- Globalization का मतलब है कि एक देश में companies को अंतरराष्ट्रीय exposure मिलता है। इस कारण कंपनियां उस देश से labor लेती हैं जहां उनको सस्ते में मिलती है जिस कारण अपने देश में बेरोजगारी बढ़ जाती है।

Education- अगर व्यक्ति पढा लिखा न हो, तो उसके लिए कई जगह पर jobs के दरवाजे बंद हो जाते हैं। भारत में कई लोग आज भी अनपढ़ है जिसकी वजह से बेरोजगारी बढ़ गई है।

शैक्षिक बेरोजगारी- जब लोग पढ़ लिख लेते हैं और उसके बावजूद भी बेरोजगार है रहते हैं उसको शैक्षिक बेरोजगारी कहा जाता है। जाए इसलिए होती है जब लोगों को उनकी skills के level पर नौकरी ना मिले।

बेरोजगारी का निष्कर्ष क्या है?

Labor intensive industries- पिछले दशक से सरकार ने MSME इंडस्ट्री पर बहुत ध्यान दिया है क्योंकि इन  industries में टेक्नोलॉजी और मशीन का कम इस्तेमाल होता है और लेबर ज्यादा लगती है जिससे ज्यादा जॉब बनती है।

Education- सरकार को शिक्षा अभियान को और तेजी से चलाना चाहिए, साथ ही इस system में नए बदलाव लाने चाहिए। बच्चों को theory के साथ  practical  knowledge भी देनी जरूरी है ताकि वे skills सीख सकें।

Self employment- भारत में बहुत से लोग self employed है पर उसके बावजूद वह नाकाम होते हैं इसका कारण है knowledge की कमी होना। इसलिए सरकार को  technical  training देनी चाहिए।

Population- सरकार को नागरिकों को आबादी और उसको नियंत्रित करने के तरीकों के बारे में बताना चाहिए।

Berojgari ki samasya par nibandh | भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध

बेरोजगारी एक सामाजिक और आर्थिक समस्या है जो तब उत्पन्न होती है जब सक्षम और काम करने के इच्छुक लोगों को रोजगार नहीं मिल पाता है। यह व्यक्ति, परिवार और समाज पर समग्र रूप से नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। उच्च बेरोजगारी दर से गरीबी, सामाजिक अशांति और आर्थिक विकास में कमी आ सकती है। रोजगार सृजन कार्यक्रम, शिक्षा और प्रशिक्षण पहल, और बेरोजगारी लाभ जैसी सरकारी नीतियां बेरोजगारी के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद कर सकती हैं। हालांकि, इस मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए बेरोजगारी के मूल कारणों, जैसे नौकरी के अवसरों की कमी, को संबोधित करना महत्वपूर्ण है।

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