किसी ने पूछा मां बगैर कैसा लगता है मैंने कहा रहकर देखलो उजाले से भी डर लगता है, कदम कदम पर खंजर रखे थे मेरे अपनों ने, इन्हीं खंजर पर चलकर मां ने मुझे पाला है

एक नदी बरसात के पानी से खाली हो गई सोचते ही सोचते मेरी रात कारी हो गई की थी परवरिश जिसने गैरों के बर्तन मांज के आज वही मां कई बेटों पर भारी हो गई

मेरी कलम बस अधूरा लिखती है, क्योंकि उसे पता है मेरी अधूरी शायरी को मां ही पूरा करती है और मेरी दुआ सलाम नमस्कार कबूल करना यारों मेरी मां आपके लिए भी दुआ करती है

सोचता हूं कुछ लिखूं उसके लिए जिसने दिया मुझे जन्म,  चाहे हालात जैसे भी हो हंसते-हंसते सहे सारे गम, रातों की नींद खराब कर दी अपनी मुझे सुलाने के लिए, उस मां को सलाम जिसने सही सारे दुख मुझको हंसाने के लिए

अबकी बार तेरे लिए मैं पायल लेकर आऊंगा और दिलवा लूंगा तुझे सबसे महंगे वाली चूड़ी बस मुझे जी भर के देखने के चक्कर में तेरी तवे पर जो जल गई थी रोटी पूरी

मेरे मना करने पर भी रोटियां तू डाल देती थी चार खाने में  वैसे लज्जत तो शहर में नहीं मिलते पर जब भी तेरी कमी होती है खा लेता हूं मैं तेरे दिए अचार

करूं नेकी क्या जब फर्जी अदा ना हो गिर कर जाना यहां कोई भी सगा ना हो दगा है सब में मैं लौटकर जाऊं कहां घर पर इंतजार करने वाली मां ना हो

हमारे गुनाहों की कुछ सजा भी साथ चलती है अब हम तन्हा नहीं चलते दवा भी साथ चलती है अभी जिंदा है मां मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा मैं घर से जब निकलता हूं दुआ भी मेरे साथ चलती है

उदास रहने को अच्छा नहीं बताता है कोई भी जहर को मीठा नहीं बताता है कल अपने आपको देखा था मां की आंखों में यह आइना हमें बुरा नहीं बताता है

दुनिया का कोई रिश्ता छोटा या बड़ा नहीं होता पर मेरी मां के बराबर कोई और खड़ा नहीं होता मेरे इंतजार में खुली आंखों से बस वही सो सकती है मेरे दुख में मुझसे ज्यादा सिर्फ वही रो सकती है

मैंने मोहब्बत की तमाम किताबे पढ़ डाली पहले पन्ने पर मां का ही नाम लिखा था हिसाब लगा कर देख लो दुनिया के हर रिश्ते में कुछ अधूरा आधा निकलेगा बस एक मां का ही प्यार है जो दूसरों से नौ महीने ज्यादा निकलेगा

Checkout more shayari from the link below

White Dotted Arrow

Share plz