ज़िंदगी जीने के लिए पैसा भी ज़रूरी है , ये ज़माना हेसियत देखता है सूरत नहीं
इश्क़ करलिया , बेहिसाब करलिया ; जीते जी मेने खुद को बर्बाद कर लिया
मुमकिन नहीं हर वक्त मेहरबान रहे ज़िंदगी कुछ लम्हे जीने को तजुर्बे भी सिखाते हैं।
मैंने गलती से किसी और के हाथ अपना दिल दे दिया था, फिर क्या, वो दिल उनका थोड़ी ना था जो सम्भाल के रखते?
अगर ज़िंदगी जीना है तो तकलीफ़ तो होगी ही , वरना मरने के बाद तो जलने का भी एहसास नहीं होता
बहुत कुछ बदल गया मेरी ज़िंदगी में , कुछ तेरे आने के बाद कुछ तेरे जाने के बाद
माँगना ही छोड़ दिया हमने वक़्त किसी से, क्या पता उनके पास इनकार करने का भी वक़्त ना हो
हर शिकायत लफ़्ज़ों में की जाए ये ज़रूरी नहीं , कुछ नाराज़गी ख़ामोश रहकर भी जताई जाती है
इंतेज़ार है मुझे ज़िंदगी के आख़िरी पन्ने का , सुना है आख़िर में सब ठीक हो जाता है
खुद पर भरोसा करने का हुनर सीख लो , सहारे कितने भी भरोसेमंद हो साथ छोड़ देते है