वफ़ा की ज़ंज़ीर से डर लगता है, कुछ अपनी तक़दीर से डर लगता है, जो मुझे तुझसे जुदा करती है, हाथ की उस लकीर से डर लगता है।
अकेला महसूस करो जब तन्हाई में, याद मेरी आये जब जुदाई में, मैं तुम्हारे पास हूँ हर पल, जब चाहे देख लेना अपनी परछाई में।
तू क्या जाने क्या है तन्हाई, इस टूटे हुए दिल से पूछ क्या है जुदाई, बेवफाई का इल्ज़ाम न दे ज़ालिम, इस वक़्त से पूछ किस वक़्त तेरी याद नहीं आती।
सब के होते हुए भी तन्हाई मिलती है, यादों में भी गम की परछाई मिलती है, जितनी भी दुआ करते हैं किसी को पाने की, उतनी ही ज्यादा जुदाई मिलती है।
आपकी याद दिल को बेकरार करती है, नज़र तलाश आपको बार-बार करती है, गिला नहीं जो हम हैं दूर आपसे, हमारी तो जुदाई भी आपसे प्यार करती है।
जब कभी दिल को वो यादों से रिहाई देगा, मेरे अंदर कोई तूफ़ान सुनाई देगा, उस से मिलते ही ये एहसास हुआ था मुझको, ये वही शख्स है जो लम्बी जुदाई देगा।
उसे हम छोड़ दे लेकिन बस एक छोटी सी उलझन है, सुना है दिल से धड़कन की जुदाई सिर्फ मौत होती है।
याद में तेरी आहें भरता है कोई, हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई, मौत तो ऐसी चीज़ है जिसको आना ही है, लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई।
एक बात तो बताओ, मोहब्बत कि हर गली गुमनाम क्यूँ है, जुदाई और मौत इश्क का अंजाम क्यूँ है, लोग देते हैं नाम इसे पाकीजगी का, तो ये मोहब्बत इतनी बदनाम क्यूँ है
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है, इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है, किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका, तो हंस कर भीगी पलके झुका लेते है।
उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है, इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है, किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका, तो हंस कर भीगी पलके झुका लेते है।