मेरे दर पे आ चुकी है मोहब्बत मेहमान नवाज़ी का शौक़ भी है और बर्बाद होने का क़ौफ़ भी है
जो इस सीने में धड़कता है हिस्सा उसीका तो है ये सारा का सारा क़िस्सा।
मोहब्बत उससे होनी चाहिए जिसका दिल किसी ने तोड़ा हो , क्यूँकि जिसका दिल टूटा हो वो किसी से बेवफ़ाई नहीं कर सकता।
हम जब अकेले होते है तो भी उससे बिछड़ने को डरते है , यूँ तो तुम्हें हासिल करना है अभी बाक़ी लेकिन फिर भी खोने से डरते है ।
कोई तुम्हें छोड़ दे तो हँसकर जी लेना , क्यूँकि मोहब्बत की दुनिया में ज़बरदस्ती नहीं होती।
इस नरम दिल में किसी के लिए इतनी मोहब्बत आज भी है यारों की , हर रात जब तक आखें ना भीग जाए नींद नहीं आती
तुम्हें पता भी नहीं चला और वो जल के ख़ाक हो गया , मेरा दिल जोसिर्फ़ तेरी मोहब्बत का आशियाना था।
मेरे नज़दीक आकर तो देखो एहसास होगा मेरी सिद्दत का , मेरा ये दिल कितना धड़कता है तेरे नाम से।
मोहब्बत बर्बाद क्र देती है यूँ हर मोहब्बत करने वाले को क्युकी जो इश्क़ है वो कभी हार नहीं मानता और जो यह दिल है कभी बात नहीं मानता