एक वक़्त पर मेरे कदमो में सारी दुनिया रखदी थी ऐ बेवफ़ा तेरी उन यादों का सौदा ना तब किया था ना अब करूंगा

एक समय था जब हमने हदें पर करी थी उनके लिए आज उनसे ही हमने हद में रहना सीख लिया है

किसी ने सच कहा था मुझसे तन्हाई में जीना सीख लो क्योंकि मोहब्बत चाहे जितनी भी अच्छी हो एक वक़्त पर आकर साथ छोड़ ही जाती है

उसने मेरे दिल का हर कोना बड़ी बारीकी सी तोडा है अगर सच कहूँ तो मुझे उसके हुनर पर बहुत नाज़ है

मौत में हिम्मत ही कहाँ थी मुझसे टकराने की कम्बख्त ने मोहब्बत को मेरी जान की सुपारी दे डाली

मेरा दिल निकालकर उसे दे देना मुझे दफ़नाने से पहले क्योंकि मेरे दिल से अगर वो खेलना छोड़ देगी तो मेरा दिल नहीं मानेगा

हर इंसान दर्द को अकेले ही सहता है भीड़ ने तो बस दुनिया को फ़र्ज़ अदा करना होता है

जो भी लोग दूसरों की आंखों में आंसू भरते हैं क्यों भूल जाते हैं कि भगवान ने उनको भी दो आंखें दी हैं

मेरे दिल की तरह, तेरी भी हालत अजीब है ए आईने तुझे भी लोग बदल देते हैं तोड़ने से पहले

हमें कोई पत्थर समझकर मत ठुकराओ कल को हम किसी मंदिर में भी मिल सकते हैं

जब से घर से बाहर निकले हैं तब से पता चला है कि वह हर शख्स आज अकेला है जो दूसरों पर भरोसा करता है

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