कहीं न है मिला मुझे, शायरी से ज्यादा प्यार बोलती वही यह, जो मेरा दिल कहता है !! जो मेरे दिल रहता है, जो मेरा दिल सहता है।
देखकर तुझे यूँ उसका पलट जाना…उफ्फ्फ्फ़ नफरत बता रही है उसकी, कि तूने गज़ब मोहब्बत की थी।
वहम है यह तेरा कि बेहोश करती है मुझे शराब, होश ही कब था मुझे, तुझसे इश्क होने के बाद।
कहूँ कैसे मैं कि मोहब्बत नहीं है तुमसे, झूट निकला मुँह से आँखों में पकडा जायेगा।
इश्क की बातों में मैं बकवास नहीं करता हूँ, प्यार करता हूँ कभी टाइम पास नहीं करता हूँ।
मेरे पास आकर, नजर मिलाकर मुझे लूट लिया, नजर हटी न थी की फिर कमबख्त, मुस्कुराकर लूट लिया।
ख्वाहिश नहीं है मेरी कि तेरे उस जहाँ में पनाह मिले, बस इतनी दया कर ए प्रभू, कि एक शख्स दे जिससे प्यार बेपनाह मिले।
दस्तूर क्या बनाया, हे ऊपर वाले, स्वयं जीने के लिए, किसी पर मरना पड़ता है।